आज का दिन हर भारतीय के लिए ख़ुशी का दिन हैं। आज गणतंत्र दिवस हैं। आज का दिन हर भारतीय के लिए एक नयी सोच, एक नयी उम्मीद लेकर आता हैं। लेकिन आज का दिन मेरे लिए दो-दो खुशियाँ लाया। मैंने आज अपना ब्लॉग बनाने में सफलता पाई। आज मुझे अभिव्यक्ति का एक अनोखा माध्यम मिल गया हैं। मेरे ब्लॉग का नाम ' बातूनी का अड्डा ' हैं।
बातूनीपन हर भारतीय का जन्मसिद्ध अधिकार हैं। यह मेरा अधिकार हैं, आपका अधिकार हैं, हम सब का अधिकार हैं। मैं मानता हूँ की शायद आप मेरे बातों से सहमत न हो लेकिन फिर भी यही सत्य हैं। आप जीवन में खुद देखते होंगे कि सभी बतुनीगिरी करते नजर आते हैं। कही हमारे नेता ' बतुनीगिरी ' करते नजर आते हैं तो कही हम खुद। हम जब तक दो लोगों को झेल नहीं लेते तब तक खाना नहीं पचता हैं। खैर देखना यह हैं कि मैं आपको कितना झेलता हूँ ,कितना ' बतुनीगिरी ' करता हूँ.
Tuesday, January 26, 2010
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